Friday, 21st of November 2025

SC, ST और OBC के लिए यूपी की योगी सरकार उठा रही है निर्णायक क़दम!

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  November 20th 2025 04:20 PM  |  Updated: November 20th 2025 04:20 PM
SC, ST और OBC के लिए यूपी की योगी सरकार उठा रही है निर्णायक क़दम!

SC, ST और OBC के लिए यूपी की योगी सरकार उठा रही है निर्णायक क़दम!

लखनऊ: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेशभर में निर्णायक क़दम उठा रही है। योगी सरकार की ये मंशा रही है कि सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक सम्मान और मौक़ों की समानता को शासन का आधार बनाया जाए। 

शायद उसी मंशा का नतीजा है कि जनजातीय गांवों में संतृप्ति आधारित विकास, महिलाओं की सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण, युवाओं की शिक्षा और रोज़गार के मौक़े सृजित करने के साथ ही योगी सरकार उपेक्षित नायकों, धरती आबा बिरसा मुंडा, महाराजा सुहेलदेव और वीरांगना ऊदा देवी को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की पहल पर कार्य कर रही है। इससे कमज़ोर वर्गों में आत्मविश्वास और सम्मान की नई भावना पैदा हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियां विकास और सम्मान दोनों के संतुलित सूत्र पर आधारित हैं, जिनका लक्ष्य प्रदेश के हर वंचित परिवार को समाजिक-आर्थिक तौर पर मज़बूत बनाना है।

विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं जनजातीय गांव

योगी सरकार की जनजातीय विकास नीति, 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष' अभियान के रूप में बदल चुकी है। इसके ज़रिए 26 ज़िलों के 517 जनजातीय बहुल गांवों में संतृप्ति आधारित विकास लागू किया गया है, जिससे सरकारी योजनाओं की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित हो सके। जानकारी के मुताबिक़ 'थारू' और 'बुक्सा' समेत अलग-अलग जनजातियों से जुड़े 11 लाख से ज़्यादा लोगों को सड़क, बिजली, आवास और स्वच्छ जल जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ख़ासतौर से 815 बुक्सा परिवारों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत सुरक्षित आवास मुहैया कराए गए हैं।

योगी सरकार के बक़ौल, वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत 13 ज़िलों के 23,000 से ज़्यादा वनवासी परिवारों के भूमि दावों को रिकॉर्ड में दर्ज कर उनकी पीढ़ियों से लंबित मांगों को पूरा किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में 1.5 लाख से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिला, जबकि लखीमपुर खीरी और बलरामपुर के नौ आश्रम पद्धति विद्यालय 2,000 से ज़्यादा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

महिलाओं और युवाओं को मिल रहे हैं बराबर मौक़े!

योगी सरकार का दावा है कि युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं और सरकारी नौकरियों में बराबर के मौक़े देते हुए प्री एग्ज़ामिनेशन ट्रेनिंग सेंटर योजना के तहत 6,500 युवाओं को प्रशिक्षण मुहैया कराया, जिनमें से 700 से ज़्यादा उम्मीदवार प्रशासनिक पदों के लिए चयनित हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पुलिस विभाग में 60,244 पदों की भर्ती प्रक्रिया में अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी आरक्षित पद भरे जाना इस परिवर्तन का बड़ा प्रमाण है। वहीं महिला सुरक्षा और सम्मान को नई पहचान देने के लिए योगी सरकार ने तीन पीएसी बटालियनों का गठन वीरांगनाओं के नाम पर किया है, जिनमें 1857 की बहादुर दलित नायिका ऊदा देवी का नाम शामिल है। ऊदा देवी के ही नाम पर प्रदेश की राजधानी में प्रतिमा की स्थापना भी की गई है, जो पासी समाज के गौरवशाली अतीत का प्रतिनिधित्व कर रही है। यह क़दम न केवल सुरक्षा बलों में महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ाता है, बल्कि इतिहास की उन स्त्रियों को सम्मान देता है जिन्हें लंबे समय तक उपेक्षित रखा गया। इसी के साथ 'थारू हस्तशिल्प कंपनी' ने 371 महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह को मज़बूत किया है। 'नट' और 'बंजारा' जैसे विमुक्त घुमंतू समुदायों के लिए 101 आश्रम विद्यालय और 9 सर्वोदय स्कूल सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता के केंद्र के रूप में विकसित किए गए हैं।

यूपी सरकार दे रही है सामाजिक एकता का संदेश!

आपको बता दें कि योगी सरकार ने सालों से उपेक्षा का शिकार रहे 'जननायकों' और 'नायिकाओं' को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का मिशन चलाया है। इस कड़ी में मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर निर्मित संग्रहालय और बलरामपुर में थारू संग्रहालय जनजातीय विरासत को सहेजने के महत्वपूर्ण केंद्र बने हैं। महाराजा सुहेलदेव के सम्मान में किए गए सरकारी उपक्रमों ने ओबीसी समाज में गौरव और आत्मसम्मान को मजबूत आधार दिया है। यह सांस्कृतिक पुनर्जागरण केवल इतिहास को पुनर्स्थापित नहीं कर रहा, बल्कि सामाजिक एकता और आत्मगौरव का नया संदेश दे रहा है। स्कूल पाठ्यक्रम में सुधार, छात्रवृत्तियों का विस्तार, महिला सुरक्षा ढांचे का सुदृढ़ीकरण और कमज़ोर वर्गों की सांस्कृतिक पहचान को प्रतिष्ठा देना, ये सभी कदम मिलकर स्पष्ट करते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।