Saturday, 22nd of November 2025

उत्तर प्रदेश में AI के ज़रिए योगी सरकार बना रही है विकास का मॉडल

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  November 22nd 2025 12:30 PM  |  Updated: November 22nd 2025 12:30 PM
उत्तर प्रदेश में AI के ज़रिए योगी सरकार बना रही है विकास का मॉडल

उत्तर प्रदेश में AI के ज़रिए योगी सरकार बना रही है विकास का मॉडल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश AI के जरिए हर क्षेत्र में वैश्विक मानक तय कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि टेक्नोलॉजी के ज़रिए उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में बुलंदियों को छूने वाला प्रदेश बन सके। यही वजह है कि दुनिया भर में सरकारें एक तरफ़ जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं, इसे लेकर ज़्यादातर देश और राज्य अभी प्रयोग कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश एआई को ऐसे पैमाने पर लागू कर चुका है, जो कई वैश्विक उदाहरणों की बराबरी करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीक को नारे की जगह शासन का सिद्धांत बना दिया है, जिसके ज़रिए भी यूपी अपने समृद्ध भविष्य को नए सिरे से गढ़ रहा है। 

देश के पहली AI सिटी के तौर पर विकसित हो रहा है लखनऊ

उत्तर प्रदेश सरकार के बक़ौल, लखनऊ को देश की पहली पूर्ण विकसित एआई सिटी के तौर पर तैयार किया जा रहा है। अन्य 'स्मार्ट सिटी' मॉडलों की तुलना में यहां तकनीक ढांचों को मज़बूत किया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ को केवल राजधानी नहीं, बल्कि एआई आधारित शासन का राष्ट्रीय कमांड सेंटर बना रहे हैं। इसी दिशा में राज्य समर्थित एआई इनोवेशन हब की ओर प्रदेश सरकार क़दम बढ़ा चुकी है। 10,000 GPUs वाला सुपरकंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। अपनी ही भाषा में बने बहुभाषी एआई मॉडल के प्रयोग किए जा रहे हैं। वैश्विक एआई कंपनियों को आकर्षित करने वाला R&D ढांचे को सशक्ति किया जा रहा है। इंडिया एआई मिशन के अनुरूप नीति ढांचे को भी मज़बूत बनाया जा रहा है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में पहुंची एआई की धमक 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य क्षेत्र बड़ी क्रांति से गुज़र रहा है। यह बदलाव सीएम योगी के उस सोच को दिखाता है, जहां स्वास्थ्य केवल इलाज नहीं, बल्कि पूर्वानुमान पर केंद्रित होना चाहिए। एआई इसे मुमकिन बना रहा है। इसी कड़ी में यूपी के फतेहपुर में भारत का पहला AI-आधारित स्तन कैंसर स्क्रीनिंग केंद्र बनया गया है, जो अधिक सटीकता और शुरुआती पहचान में सक्षम है। सार्वजनिक स्वास्थ्य डेटा मैनुअल रिपोर्टिंग से हटकर प्रेडिक्टिव मॉडलिंग की ओर बढ़ रहा है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नि:शुल्क एआई और क्लाउड कोर्स, ताकि अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य-तकनीक विशेषज्ञ तैयार किए जा सकें।

शिक्षा के क्षेत्र में भी है एआई की अग्रणी भूमिका

सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी का शिक्षा ढांचा डिजिटल तौर पर नए सिरे से तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तकनीक को ग्रामीण कक्षाओं और वैश्विक शिक्षा मानकों के बीच का संपर्क सेतु मानते हैं। इस सेतु का निर्माण तेज़ गति से हो रहा है। तभी तो माध्यमिक शिक्षा परीक्षाओं में AI bots सहायक भूमिका निभा रहे हैं, जिससे त्रुटियाँ और अनियमितताएँ कम हो रही हैं। शिक्षक व छात्र एआई टूल्स में प्रशिक्षित हो रहे हैं, जिससे सीखने के नए मार्ग खुल रहे हैं। कहने का मतलब साफ़ है कि उत्तर प्रदेश एआई आधारित व्यक्तिगत शिक्षा प्रणाली की नींव डाल रहा है।

कृषि में AI से हो रहे हैं हाई-टेक बदलाव

कृषि के ज़रिए यूपी आर्थिक शक्ति बन रहा है। विश्व बैंक समर्थित यूपी एग्रीज के माध्यम से 10 लाख से ज़्यादा किसान अब AI आधारित सलाह से जुड़ चुके हैं। उपग्रह चित्रों, मिट्टी विश्लेषण, मौसम मॉडल और RFID आधारित संसाधन ट्रैकिंग का उपयोग कर रहे हैं, इसके जरिए एग्रीकल्चर फील्ड में कई तरह के बदलाव सुधारों के साथ किए जा रहे हैं, जैसे:-

- फसल उत्पादन में सुधार

- जोखिम का तेज़ पूर्वानुमान

- पानी व खाद का कम से कम उपयोग

- संसाधनों की सटीक निगरानी

- पारदर्शी व समयबद्ध ढंग से मिल रहा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ 

यही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कल्याणकारी व्यवस्थाएं इंटेलिजेंस आधारित प्रणाली बन रही हैं। इसके ज़रिए कल्याण योजनाएं धीमी सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि रियल-टाइम सार्वजनिक सेवा बन चुका है।

एआई समर्थित तंत्र से होने होले फायदे

• वास्तविक लाभार्थी डेटाबेस तैयार कर रहे हैं

• धोखाधड़ी को तुरंत पहचान रहे हैं

• डीबीटी को तेज़ और अधिक सटीक बना रहे हैं

• सही योजना को सही नागरिक से जोड़ रहे हैं

सार्वजनिक सुरक्षा में एआई का योगदान

राज्य के कई नगर निगमों में एआई आधारित प्रणालियां क़ानून-व्यवस्था को नए स्तर पर ले जा रही हैं। इसके लिए अनेक कार्य हो रहे हैं, जिसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं, जैसे:- 

• फेसियल रिकॉग्निशन नेटवर्क

• वाहन ट्रैकिंग

• पुलिस नियंत्रण कक्षों से जुड़े SOS सिस्टम

• प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स आधारित निगरानी

• जेलों में 'Jarvis' जैसे एआई सुरक्षा तंत्र

पटवार महकमों की परेशानी को ख़त्म कर रहा है AI

भूमि विवादों से लेकर अवैध खनन तक यूपी शासन-प्रशासन एआई और सैटेलाइट विश्लेषण का उपयोग डेटा आधारित, निष्पक्ष फैसलों के लिए कर रहा है। इसके ज़रिए भ्रष्टाचार कम, समाधान तेज़ और जवाबदेही मज़बूत हो रही है। इससे कई तरह के बदलाव देखे जा रहे हैं, जैसे:- 

• भूमि रिकॉर्ड का डिजिटल मानचित्रण

• अतिक्रमण की स्वत: पहचान

• अवैध खनन की वास्तविक समय में निगरानी

• ज़िलों के प्रदर्शन की डिजिटल ट्रैकिंग