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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को योगी सरकार ने बड़ा तोहफ़ा देने की घोषणा कर दी है। दरअसल पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति कुन्तल की बढ़ोतरी की गई है। जानकारी के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के अनुसार अब अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य ₹400 प्रति कुन्तल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य ₹390 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। इस बढ़ोरती से गन्ना किसानों को क़रीब ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान होगा। आपको बता दें कि योगी सरकार के कार्यकाल में यह चौथी बार है, जब गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। यो जगज़ाहिर है कि ये फ़ैसले ना केवल गन्ना किसानों की आमदनी में बढ़ोरती करेगा, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण अंचल में नई तरह की आर्थिक मज़बूती भी भरेगा।
मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने क्या कुछ कहा?
इस बाबत, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा, "किसानों की मेहनत का सम्मान करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, गन्ना किसान केवल उत्पादक नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सशक्त स्तंभ हैं, गन्ना हमारे ग्रामीण जीवन और अर्थव्यवस्था का आधार है और हर किसान को उसकी उपज का वाजिब दाम सही समय पर मुहैया कराना सरकार की प्रतिबद्धता है, गन्ना किसानों को अब तक ₹2,90,225 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो वर्ष 2007 से 2017 के बीच सपा और बसपा सरकारों में किसानों को कुल मात्र ₹1,47,346 करोड़ का भुगतान हुआ था, इस तरह सरकार ने मात्र साढ़े आठ वर्षों में पिछली सरकारों के मुक़ाबले ₹1,42,879 करोड़ ज़्यादा भुगतान कर नया कीर्तिमान बना दिया है, प्रदेश में वर्तमान में 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में जहां 21 मिलें औने-पौने दामों पर बेची गई थीं, वहीं सरकार के पारदर्शी प्रबंधन और निवेशोन्मुख नीतियों से इस उद्योग में ₹12,000 करोड़ का निवेश आकर्षित हुआ है, पिछले आठ वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलें दुबारा शुरू की गईं और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता में विस्तार हुआ, इससे प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी दर्ज हुई है, साथ ही, 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को भी बल मिला है।"
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की अभिनव पहल ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली के माध्यम से गन्ना क्षेत्रफल, सट्टा, कैलेंडरिंग और पर्ची जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। अब किसानों को उनकी गन्ना पर्ची सीधे मोबाइल पर प्राप्त होती है और भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में पहुंचता है। इस प्रणाली को भारत सरकार ने 'मॉडल सिस्टम' घोषित किया है, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह ख़त्म हो गई है।
यही नहीं, एथेनॉल उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि सरकार के प्रयासों से राज्य में एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है और आसवनियों की संख्या 61 से बढ़कर 97 हो गई है। गन्ना क्षेत्रफल में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में गन्ना क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है, जिससे उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर आ गया है।