Wednesday, 5th of November 2025

सबसे ज़्यादा राजस्व मामले निस्तारित कर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अव्वल

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  November 05th 2025 11:59 AM  |  Updated: November 05th 2025 11:59 AM
सबसे ज़्यादा राजस्व मामले निस्तारित कर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अव्वल

सबसे ज़्यादा राजस्व मामले निस्तारित कर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अव्वल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने एक बार फ़िर से एक और मक़ाम हांसिल कर लिया है। दरअसल सूबे में राजस्व मामलों के तुरंत निस्तारण की दिशा में सरकार की सख़्त निगरानी का असर साफ़ देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि सीएम योगी बाक़ायदा ख़ुद हर महीन ज़िलावार मामलों का जायज़ा लेते हैं, जिसका नतीजा ये हुआ कि योगी सरकार की विशेष पहल के तहत तेज़ी से मामलों के निपटारे की रणनीति को अपनाया गया। यही वजह है कि राजस्व विवादों के मामलों में बड़ा सुधार देखने को मिला है, नतीजतन पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश भर में राजस्व वादों के निस्तारण में तेज़ी देखी गयी है। 

जानकारी के मुताबिक़, राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) द्वारा अक्टूबर महीने की जारी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में सबसे ज़्यादा मामलों का निस्तारण राजधानी लखनऊ में में किया गया है, वहीं जनपद स्तरीय न्यायालय में राजस्व के मामले निपटाने में एक बार फिर जौनपुर ने बाज़ी मारी है। आपको बता दें कि जनपद स्तरीय न्यायालयों में राजस्व वादों के निस्तारण में पिछले 13 महीने से जौनपुर टॉप फाइल ज़िलों में की लिस्ट में सबसे ऊंचे पायदान पर है।

लखनऊ में किया गया 15,260 मामलों का निस्तारण 

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों का ही असर है कि राजस्व विवादों के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए। उनकी इस पहल का लक्ष्य ना केवल जनता को तुरंत इंसाफ़ दिलाना है, बल्कि प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी बढ़ावा देना है। राजस्व परिषद की आरसीसीएमएस की अक्टूबर महीने की रिपोर्ट का ज़िक्र किया जाए तो अक्टूबर में पूरे प्रदेश में कुल 3,24,897 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया। लखनऊ ज़िलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने बताया कि सबसे ज़्यादा राजधानी लखनऊ में 15,260 मामले निस्तारित किये गए, जो पूरे प्रदेश में सबसे ज़्यादा हैं। राजधानी लखनऊ के बाद प्रयागराज में कुल 10,501 मामलों को निस्तारित कर पूरे प्रदेश में दूसरा नंबर हांसिल किया गया। गोरखपुर 8,165 मामलों को निस्तारित कर तीसरे स्थान पर है। इसी तरह कानपुर नगर ने 7,866 मामले निस्तारित कर चौथा और शाहजहांपुर ने 7,707 मामलों का निस्तारण कर पांचवां स्थान प्राप्त किया है। 

जनपद स्तरीय न्यायालयों में जौनपुर ने मारी बाज़ी 

जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र सिंह के बक़ौल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आदेशों के मुताबिक़ राजस्व मामलों को सिलसिलेवार तौर पर निस्तारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड ऑफ रेवन्यू की अक्टूबर महीने की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट की मानें तो जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक निस्तारण से ज़्यादा मामलों का निस्तारण किया है। जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के प्रति माह निस्तारण के मानक 250 की तुलना में 480 मामलों का निस्तारण किया है। इसका रेश्यो 192 फ़ीसदी है। इसी के साथ जनपदीय न्यायायल में राजस्व मामलों के निस्तारण में प्रदेश में जौनपुर को पहला नंबर मिला है जबकि मानक 300 के मुक़ाबले 334 मामलों का निस्तारण कर दूसरे नंबर पर लखीमपुर खीरी और मानक 300 के सापेक्ष 310 मामले निस्तारित कर तीसरे स्थान पर बस्ती है। इसी तरह अक्टूबर में जौनपुर के ज़िलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुक़ाबले 71 मामलों का निस्तारण कर 236.67 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की, जो की प्रदेश भर में सबसे ज़्यादा है और जौनपुर प्रदेश भर में पहले स्थान पर बना हुआ है। वहीं भदोही के ज़िलाधिकारी न्यायालय द्वारा 63 मामले निस्तारित किये गए। मऊ के ज़िलाधिकारी न्यायालय द्वारा 51 मामले निस्तारित किये गए। इसी तरह ज़िलाधिकारी न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गए मामलों में भदोही दूसरे और मऊ तीसरे नंबर पर है। 

भू राजस्व संबंधित मामलों के निस्तारण में कौन रहा सबसे आगे? 

जानकारी के मुताबिक़ अपर ज़िलाधिकारी भू-राजस्व जौनपुर निर्धारित मानक 50 के सापेक्ष कुल 184 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम नंबर पर हैं। वहीं, अपर ज़िलाधिकारी भू-राजस्व ग़ाज़ीपुर कुल 36 वादों का निस्तारण कर दूसरे स्थान पर हैं और अपर ज़िलाधिकारी भू-राजस्व मीरज़ापुर कुल 24 वादों का निस्तारण कर तीसरे स्थान पर है।