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            संभल/लखनऊ: एक अरसे के बाद, भगवान कल्की नगरी यानी संभल फ़िर से अपने असली स्वरूप में लौट रही है। कहना सही होगा कि संभल में इतिहास फिर से करवट ले रहा है। संभल में एक मुद्दत के बाद, आस्था और आध्यात्म का सूर्योदय दिखाई दे रहा है। संभल एक बार फ़िर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। आपको ये जानकर ख़ुशी होगी कि संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पूरा हो चुका है।
आपको बता दें कि शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों की वजह से रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।
संभल का संपूर्ण परिदृश्य बदल रहा है!
2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से संभल का परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उज़ागर किया, जिन्हें वर्षों तक दबाया गया। अशांति फैलाने वालों की साज़िश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध क़ब्ज़ों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया।
धार्मिक धरोहरों का हुआ पुनरुद्धार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि क़ब्ज़ामुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध क़ब्ज़ों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध क़ब्ज़े हटाए गए, जिसमें 16 मस्जिदें, 12 मज़ारें, 7 क़ब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। यही नहीं, कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं।
कल्कि की नगरी में मज़बूत हो रही है क़ानूनी प्रक्रिया
ऐसा मान जा सकता है कि संभल में अब क़ानून का इक़बाल मज़बूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाक़ों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82% से घटकर 18% पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपये की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है। ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।
सम्भल में 87 देव तीर्थों(प्राचीन 68 तीर्थ एवं 18 महा कूपों) की दो दिवसीय 24 कोसीय परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। @DmSambhal एवं #SPSambhal द्वारा प्रथम पड़ाव स्थल नैमिषारण्य तीर्थ(क्षेमनाथ तीर्थ)पर पहुँच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया एवं संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।@CMOfficeUP pic.twitter.com/fYWktdYgBO
— DM Sambhal (@DmSambhal) October 25, 2025
 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			