Wednesday, 5th of November 2025

कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को मिली मंज़ूरी, महिलाएं करेंगी 'नाइट शिफ्ट'

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  November 05th 2025 05:27 PM  |  Updated: November 05th 2025 05:27 PM
कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को मिली मंज़ूरी, महिलाएं करेंगी 'नाइट शिफ्ट'

कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को मिली मंज़ूरी, महिलाएं करेंगी 'नाइट शिफ्ट'

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विकास की गति और तेज़ करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक और महत्वपूर्ण क़दम उठाया है। दरअसल प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा क़दम उठाया गया है। जानकारी के मुताबिक़, आख़िरकार कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें कि नए नियमों के मुताबिक़ अब कारखानों में काम की अवधि 12 घंटे रोज़ाना तक तय की जा सकेगी। हालांकि साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से ज़्यादा नहीं होगी। हालांकि अगर कोई कर्मचारी अपनी लिखित सहमति देता है, तो उसे लगातार 6 घंटे तक बिना अंतराल के काम करने की इजाज़त होगी।

गौरतलब है कि सरकार ने ओवरटाइम में भी इज़ाफ़ा कर दिया है। जहां पहले यह तिमाही आधार पर 75 घंटे थी, उसे अब 144 घंटे कर दिया गया है। यही नहीं, तय सीमा से ज़्यादा काम करने वाले कर्मकारों को साधारण मज़दूरी की दोगुनी दर से ओवरटाइम भुगतान भी दिया जाएगा। 

महिलाओं कर्मचारियों के लिए हुआ ये बदलाव

कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 के तहत महिला कर्मचारियों के लिए भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब महिलाएं भी रात्रि पाली (नाइट शिफ्ट) में काम कर सकेंगी, बशर्ते वे अपनी लिखित सहमति दें और कारखाने में सुरक्षा व स्वास्थ्य संबंधी सभी नियमों का पालन किया जाए। दरअसल राष्ट्रपति से मंज़री मिलने के बाद इस क़नून को उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 14 वर्ष 2025 के तौर पर अमलीजामा पहनाया जाएगा।

याद रहे कि अधिसूचना के बक़ौल, यह अधिनियम तीन अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है। विधायी के प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव की मानें तो यह संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास को नई रफ़्तार देगा और एक ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी के टारगेट को पाने में मदद करेगा।