लखनऊ: उत्तर प्रदेश काफ़ी समय से क़यास लगाए जा रहे थे कि योगी सरकार सर्किल रेट में आमूलचूल बदलाव कर सकती हैं। आख़िर वही हुआ, जी हां उत्तर प्रदेश सरकार के ज़रिए प्रदेशभर में सर्किल रेट तय कर ऐसी लकीर खींचने की कोशिश की है, जिसे लांघना किसी के बस की बात नहीं होगी।
गौरतलब है कि आप कोई सड़क से सटी किसी ग़ैर-कृषि भूमि खरीदते हैं और सड़क से 100 मीटर दूर मौजूद गै़र-कृषि भूमि खरीदते हैं, तो दोनों स्थिति में ही ज़मीन का सर्कल रेट अमूमन एक होता था, तो स्टांप ड्यूटी भी बराबर देनी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा हरगिज़ नहीं होगा, क्योंकि अब ज़मीन का सर्कल रेट उसकी लोकेशन के आधार पर तय होगा। यानी साफ़ है कि सड़क के मुक़ाबले सड़क से थोड़ी दूर मौजूद ज़मीन के दाम आंके जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक़, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्किल रेट तय करने के मानक लागू कर दिए हैं। संबंधित अधिकारियों का दावा है कि सरकरा की इस क़वायद से प्रक्रिया पारदर्शी होगी और रेट ज़मीन की उपयोगिता के मुताबिक़ तय किए जाएंगे।
दरअसल अब तक सर्किल रेट निर्धारित करने के लिए 14 श्रेणियां थी, जिनकी व्याख्या भी ज़िला स्तर पर अलग-अलग हो जाती थी। नई व्यवस्था में अब केवल 15 श्रेणियां होगी। आपको बता दें कि जो यूनिवर्सल मानक तय किए गए है, तमाम ज़िलों को उनको ही लागू करना होगा। इससे आम आदमी भी अपनी संपत्ति के मूल्य की गणना कर सकेगा। विभाग इसके लिए सॉफ़्टवेयर भी तैयार कर रहा है, इसके ज़रिए ज़मीन का विवरण डालकर घर बैठे ही संपत्ति की क़ीमत जानी जा सकेगी।
यूपी में ज़मीन के हिसाब से तय होंगे रेट
सर्किल रेट को व्यवहारिक बनाने के लिए कृषि, ग़ैर कृषि और वाणिज्यिक भूखंडों के लिए अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है। सड़क से सटे और सड़क से दूर मौजूद भूखंडों के मूल्यांकन आवासीय, कमर्शियल, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, सिनेमाहॉल, कोचिंग सेंटर आदि की अलग-अलग दरें होगी।
ये हैं वो बदलाव, जो किए गए हैं
निर्माण की उम्र के आधार पर 20 से 50 फ़ीसदी तक डेप्रिसिएशन लागू होगा। आयु, प्रजाति, परिधि के आधार पर वृक्षों का भी मूल्यांकन होगा। एक ही आराजी नंबर में कृषि-ग़ैर कृषि भूमि होने पर अलग-अलग दरें होगी।
ये हैं वो 10 पॉइंट्स, जिनसे तय होंगे रेट
- एक से ज़्यादा सड़क से सटे भूखंडो पर अधिक मूल्य वाली सड़क की दर 10% अतिरिक्त ।
- पार्क से सटे भूखंडों पर अधिक मूल्य वाली सड़क की दर 10% या 20% अतिरिक्त ।
- कमर्शल निर्माण की दरें 20% अधिक होगी।
- औद्योगिक निर्माण की दरें 20% कम होगी।
- हिसाब से 50 से 25% अंश के आधार पर निर्धारण।
- औद्योगिक भूमि की दरे गैर कृषि दर से 30% कम होगी।
- ईंट भट्ठा की भूमि दरे कृषि दर से 25% अधिक रहेंगी।
- बहुमंजिला फ्लैट का मूल्यांकन जमीन निर्माण दर पर।
- क्लब, जिम, स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं के आधार पर भी रेट अलग।
- चार मंजिला तक के भवन में फ्लोर के लिए स्पष्ट व्यवस्था।