Trending:
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भले ही आधिकारिक तौर पर भले ही अभी पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान ना हुआ हो, लेकिन निर्वाचन विभाग अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में ज़ोर-शोर से जुटा हुआ है।
हालांकि पंचायत चुनाव में नाम निर्देशन, ज़मानत और चुनाव प्रचार में खर्च होने वाली धनराशि की घोषणा कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक़ ग्राम प्रधान उम्मीदवार एक लाख 25 हज़ार रुपये ही चुनाव प्रचार में खर्च कर सकेंगे।
गौरतलब है कि 2027 में सुबे में विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाज़ा तमाम सियासी दल दल पंचायत चुनाव में बेहतर नतीजों के दम पर विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि नेता इस चुनाव में अभी से पूरी ताक़त झोंके हुए हैं और अपनी तरफ़ से किसी भी तरह की चूक करने का कोई इरादा नहीं है। ये जगज़ाहिर है कि पंचायत चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र की एक बड़ी आबादी सीधे तौर पर मतदान करती है, ऐसे में ज़्यादा से ज़्यादा मतदाताओं को अपने-अपने नज़दीक लगाने की क़वायद शुरू हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की तरफ़ से मतपत्रों की छपाई का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार 22 लाख छह हज़ार 637 मतदाता पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की क़िस्मत का फैसला करते हुए नज़र आएंगे। ख़बर है कि इस बार के इलेक्शन में दस हज़ार 665 मतपेटियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
बहरहाल यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि तमाम राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है और जमा-घटा से लेकर गुणा-भाग तक के ज़रिए हर समीकरण को साधने की जुगत की जा रही है।