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            छठ पर्व के दिन ग़लती से भी ना करें ये भूल, नहीं तो छठ मईया हो जाएगी नाराज़!
GTC News Web: देशभर में छठ पूजा और भाई दूज की धूम मची हुई है। भारतवर्ष में लोग छठ पूजा और भाई दूज के लिए अपने-अपने घरों का रुख़ कर चुके हैं। हालांकि बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें छठ पूजा और भाई दूज के बारे में मामूली जानकारी भी नहीं है, तो आइए आज छठ और भाई दूज के बाबत आपके सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की जाए ...
दरअसल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। कार्तिक मास के षष्ठी तिथि से छठ पर्व की शुरुआत होता है, लेकिन कुछ ऐसी अहम बाते हैं, जिनका ख़्याल छठ पूजा करने वालों को भाई दूज यानी द्वितीया तिथि से ही रखना चाहिए। अगर आप छठ पूजा करते हैं, या आपके परिवार में कोई महिला इस व्रत को रखती है, तो इस दिन भूलकर भी कुछ कार्य नहीं करने चाहिए, द्वितीया तिथि पर कुछ चीज़ें करना शुभ नहीं माना जाता है, इससे छठी मैया नाराज़ हो सकती हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि छठ करने वालों को भाई दूज पर क्या नहीं करना चाहिए?
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मृत्युदा तिथि कहा जाता है। इसमें कोई भी शुभ या पुण्य का कार्य करना वर्जित माना गया है। हालांकि, यह तिथि बुधवार के दिन पड़ने से इसे शुभदा माना जाता है। यानी शुभ फल देने वाली, लेकिन फिर भी द्वितीय तिथि पर कोई भी पुण्य या शुभ कार्य न करें। ऐसा करने से जातक को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ख़ासतौर पर छठ पर्व करने वालों को इस नियम का पालन करना चाहिए।
अगर आप छठ पर्व करते हैं या आपके घर में यह त्योहार मनाया जाता है तो द्वितीय तिथि के दिन एक बात का विशेष ध्यान ज़रूर रखें। छठ पूजा में गेहूं को लेकर प्राचीन मान्यता चली आ रही है। इससे प्रसाद तैयार किया जाता है। ऐसे में इसकी पवित्रता का ख़ास ख़्याल रखा जाता है। छठ मैया के व्रत में श्रद्धालुओं की आस्था है कि प्रसाद का गेहूं झूठा या गंदा न हो। उसे अच्छी तरह साफ़ करके प्रयोग किया जाता है, लेकिन इस कार्य को द्वितीय तिथि को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को छठ पर्व करने वालों को स्पर्श नहीं करना चाहिए, न उसकी महक लें और न उसे धोएं। यानी द्वितीय तिथि के दिन गेहूं से दूर रहना चाहिए।
इस त्योहार के लिए कई तरह की चीज़ों की ज़रुरत पड़ती है। ऐसे में लोग कुछ दिन पहले से ही छठ की खरीददारी में लग जाते हैं, लेकिन यह कार्य द्वितीय तिथि के दिन भूलकर भी न करें। मान्यता है कि भैया दूज पर छठ पूजा के प्रसाद की सामग्री नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है, ऐसे में इस दिन छठ पर्व के लिए प्रसाद, फलों आदि की खरीददारी करने से बचना चाहिए, वर्ना छठी मईया नाराज़ हो सकती हैं।
गौरतलब है कि इस साल छठ महापर्व 25 अक्टूबर, शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू होगा। ऐसे में अगर आपने सामग्री की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है, तो इसकी खरीददारी द्वितीय तिथि के बाद करें, यानी आप छठ पूजा के लिए खरीददारी और उसकी तैयारी तृतीया तिथि से शुरू कर सकते हैं। इस दिन से आप गेहूं को धोना, सुखाना, प्रसाद की सामग्री खरीदना आदि कार्यों की शुरुआत भी कर सकते हैं।
 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			