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            लखनऊ: उत्तर प्रदेश में औषधि नियंत्रण तंत्र को मज़बूत और प्रभावी बनाने के लिए सीएम योगी ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से औषधि नियंत्रण तंत्र को और ज़्यादा पारदर्शी बनाने की दिशा में क़दम बढ़ा दिए हैं। अब सीएम योगी ने निर्देश देते हुए बताया है कि ज़िलास्तर पर कार्य व्यवस्था को और मज़बूत करने के लिए अब ‘ज़िला औषधि नियंत्रण अधिकारी’ का पद सृजित किया जाए।
यही नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि औषधि निरीक्षकों की संख्या को वर्तमान के सापेक्ष में दोगुना किया जाए। गौरतलब है कि इन पदों पर चयन प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए अब साक्षात्कार के स्थान पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती कराई जाएगी।
एफएसडीए की बैठक में बनी सहमति
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में औषधि नियंत्रण संवर्ग के पुनर्गठन एवं नए पदों के सृजन से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी जनपदों में औषधि निरीक्षकों की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाए और ज़िला स्तर पर प्रभावी पर्यवेक्षण और समयबद्ध जांच व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जाए।
जानकारी के मुताबिक़, वर्तमान में 109 औषधि निरीक्षक कार्यरत हैं, जो भारत सरकार के मानकों की दृष्टि से अपर्याप्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में औषधि निरीक्षण व्यवस्था को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना जनस्वास्थ्य की तौर पर बेहद ज़रुरी है।
इसके अलावा, औषधि नियंत्रण संवर्ग के उच्च पदों के पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने उप आयुक्त (औषधि) पदों की संख्या में बढ़ोतरी और संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर पदोन्नति हेतु अर्हकारी सेवा में संशोधन के प्रस्ताव को अपनी सहमति दी। मुख्यमंत्री ने विभाग में औषधि नियंत्रक पद के लिए स्पष्ट योग्यताएं एवं मानक तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पद के लिए एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित किया जाए, ताकि तंत्र के शीर्ष स्तर पर नेतृत्व और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			