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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक अजीबो-ग़रीब वाक़िया सामने आया है। दरअसल यहां एक जालसाज़ के सीएम के कमरे तक पहुंचने की सनसनीखेज़ ख़बर सामने आई है। हैरत की बात ये है कि जालसाज़ ने
ख़ुद को IRS अधिकारी बताकर CM के कमरे तक पहुंचने की हिमाकत की। हालांकि शक होने पर जब आनन-फानन में सुरक्षाकर्मियों ने उससे पूछताछ की, तो उसकी कोशिश नाकाम हो गई और वह पकड़ा गया और उसके पास से फर्ज़ी पहचान पत्र भी बरामद कर लिया गया।
क्या सीएम की सुरक्षा में हुई चूक?
जानकारी के मुताबिक़, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा विभूतिखंड के होटल मैरियट में ठहरे थे। ऐसे में दिल्ली के शकरपुर का रहने वाला प्रशांत मोहन नाम का जालसाज़ ख़ुद को आईआरएस अधिकार बातकर मुख्यमंत्री के कमरे तक पहुंच गया। शक़ होने पर जांच हुई तो उसके पास से फर्ज़ी आईडी कार्ड, फर्ज़ी विज़िटिंग कार्ड बरामद किया गया। इसके तुरंत बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया।
आपको बता दें कि मैरियट होटल के कमरा नंबर 731 में प्रशांत मोहन ठहरा हुआ था। 31 अक्टूबर को होटल में ही त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा भी ठहरे थे। इस बारे में जब प्रशांत मोहन को पता चला तो वह उनसे मिलने की फिराक़ में जुट गया, लिहाज़ा जैसे ही उसे मौक़ा मिला, उसने आव देखा ना ताव और वह सीएम माणिक साहा से मिलने के लिए उनके कमरे तक पहुंच गया।
मौक़े पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में आईआरएस अधिकारी है। यही नहीं, ख़ुद को एडिशनल कमिश्नर बताते हुए उसने आईडी कार्ड भी दिखाया। कार्ड आदि देखकर सुरक्षाकर्मियों को शक़ हो गया, नतीजतन उसको विभूतिखंड पुलिस के हवाले कर दिया गया।
राजधानी लखनऊ में मचा हड़कंप
जैसे ही ये ख़बर बाहर आई तो ये चर्चा तेज़ हो गई है कि आखिर ये शख़्स मुख्यमंत्री के कमरे तक कैसे पहुंच गया, क्या इसे सीएम की सुरक्षा में चूक का मामला नहीं माना जाना चाहिए? अगर समय रहते इस जालसाज़ को नहीं पकड़ा जाता तो वह सीएम के कमरे में भी घुसने की कोशिश कर सकता था, जिसके नतीजे कुछ भी हो सकते थे।
अब तहक़ीक़ात की जा रही है कि आख़िर वो कौन सी वजह थी, जिसके कारण इस जालसाज़ ने इतना बड़ा रिस्क लेकर सीएम के कमरे तक जाने की हिमाकत की? हालांकि जब तक इस बाबत पुलिस का आधिकारिक बयान सामने नहीं आ जाता, तब तक कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी।