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GTC News: 140 करोड़ देशवासियों की निगाहें जिस शहर की ओर देखती रहती हैं। जिस शहर को देखने की चाहत हर भारतीय पाले रहता है। जिस शहरों के शहर को दिलवालों की दिल्ली कहा जाता है, उसका ख़ुद का हाल, बेहाल है। जी हां, आज की कड़वी सच्चाई ये है कि देशभर में दिल्ली की हवा सबसे ज़्यादा ज़हरीली हो चुकी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 322 दर्ज किया गया है, जो कि जीने के लिहाज़ से बेहद ख़तरनाक़ माना जाता है। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं।
ग़ौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली में प्रदूषण से हालात बद् से बद्तर, शायद यही वजह है कि प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,000 फीसदी ज़्यादा है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, देश के 257 में से 23 शहरों (-30.3) में हवा 'बेहतर' है। 95 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि 06 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
कुल-मिलाकर ये साफ़ है कि दूसरे शहरों के मुक़ाबले आज दिल्ली (322) में हालात सबसे ज़्यादा ख़राब हैं। आंकड़ों का जायज़ा लिया जाए तो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इज़ाफ़ा हुआ है। दिल्ली में 11 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 322 पर पहुंच गया है। मतलब की आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद ख़राब' बनी हुई है।
हालांकि जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी रही, लेकिन जनवरी, फ़रवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब दिल्ली की हवा को साफ़ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।