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पटना/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती में बिहार के चुनाव दंगल में कूद गई हैं।
कैमूर ज़िले के भभुआ में हवाई अड्डे के मैदान पर आयोजित होने वाली पहली जनसभा से बसपा का बिहार में सियासी तूफ़ान खड़ा करने की योजना है। जानकारी के मुताबिक़, मायावती रामगढ़ और कैमूर विधानसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में मतदाताओं को संबोधित करती हुई नज़र आएंगी। मायावती सोशल इंजीनियरिंग के ज़रिए राजनीतिक समीकरण बनाने में माहिर हैं, शायद इसी वजह से माना जा रहा है कि मायावती अपनी इस रैली से दलित-मुस्लिम-पिछड़ा (DMP) फॉर्मूले का भी जायज़ा लेंगी।
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले, अपने दम पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया हुआ है। ऐसे में सियासी हलकों के जानकारों का दावा है कि मायावती का यह दौरा पार्टी की आक्रामक रणनीति का अहम हिस्सा है। बसपा कार्यकर्ताओं की मानें तो भभुआ हवाई अड्डे के पास मैदान में होने वाली इस रैली में आसपास के ज़िलों से हज़ारों समर्थकों के जुटने की उम्मीद है। आपको बता दें कि मायावती यहां रामगढ़ से सतीश उर्फ पिंटू यादव और कैमूर (भभुआ) से विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल के लिए वोट मांगेंगी। पार्टी सूत्रों के बक़ौल, ख़ासतौर से यह रैली कैमूर ज़िले की चारों विधानसभा सीटों – भभुआ, रामगढ़, मोहनियां और चैनपुर – पर बसपा की पकड़ मज़बूत करने के इरादे से रखी गई है।
बीएसपी का मज़बूत वोटबैंक बिगाड़ा समीकरण!
असस में, कैमूर ज़िले में दलित और अतिपिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की अच्छी-खासी तादादा मौजूद है, जो कि बसपा के लिए हमेशा से मज़बूत आधार रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 2005 और 2020 के चुनावों में बसपा ने यहां कुछ कामयाबियां हांसिल की थीं और इस बार मायावती की मौजूदगी से वोट शेयर बढ़ाने की क़वायद जारी है।
आकाश आनंद की अहमियत का भी लगेगा अंदाज़ा!
मायावती के बिहार दौरे से पहले पार्टी ने आकाश आनंद के नेतृत्व में ‘सर्वजन हिताय यात्रा’ शुरू की है, जिसका दलित-मुस्लिम-पिछड़ा वोट बैंक को एकजुट करने पर फोकस है। मायावती की रैलियों से पार्टी को उम्मीद है कि महागठबंधन और एनडीए के वोटों में सेंध लगेगी, ख़ासकर उन इलाक़ों में जहां जातीय समीकरण थोड़े मुश्किल हैं। सियासी विश्लेषकों के बक़ौल, भभुआ इस बार हॉटसीट बन चुकी है, यहां राजद के पूर्व विधायक भरत बिंद के भाजपा में शामिल होने से समीकरण बदल गए हैं और बसपा प्रत्याशी लल्लू पटेल ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है।