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            लखनऊ: आबादी के लिहाज़ से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट अभी से शुरू हो चुकी है।
सत्ताधारी भाजपा हो, या कई साल से विपक्ष में बैठी सपा-बसपा-कांग्रेस हों, तमाम सियासी दल अभी से अपने-अपने समीकरणों को भिड़ाने की जुगत में लग चुके हैं। हालांकि इन दांव-पेंचों के बीच बाज़ी कौन मारेगा, इस नतीजे पर फिलहाल पहुंचाना जल्दबाज़ी होगा।, लेकिन जमा-घटा और गुणा-भाग का सिलसिलेवार तरीक़े से आग़ाज़ हो चुका है। 2027 भले ही दूर हो, लेकिन ऊंट को अपनी करवंट बिठाने के लिए बिसात अभी बिछाई जा रही है।
दशकों से सत्ता से बाहर बहुजन समाज पार्टी भी ख़ुद को इस चुनावी दंगल में आज़माने के लिए अभी से कमर कसती हुई नज़र आ रही है। शायद यही वजह है कि बसपा सुप्रीमो मायावती को अब उत्तर प्रदेश की सियासत में निर्णायक भूमिका निभाने वाले मुस्लिम समाज की याद आने लगी है।
शायद यही वजह है कि मायावती ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए मुस्लिम समाज से सपा और कांग्रेस के बजाय बसपा को समर्थन देने की अपील की है, उन्होंने कहा, "यदि मुस्लिम समाज बीजेपी की घातक राजनीति को हराना चाहता है, तो उसे एकजुट होकर बसपा के पक्ष में मतदान करना चाहिए।"
मायावती ने लखनऊ में बसपा 'मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन' की अध्यक्षता करते हुए मुस्लिम समाज को बसपा से जोड़ने और पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को लंबे समय से मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिलता रहा है, लेकिन दोनों ही पार्टियां बीजेपी को हराने में नाकामयाब रही हैं।
मुस्लिम समाज के समर्थन से उत्तर प्रदेश में बनेगी बसपा सरकार - मायावती
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कहा, "2022 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक यह बात साफ़ है कि मुस्लिम समाज ने तन, मन और धन से सपा का साथ दिया, लेकिन बीजेपी सत्ता में वापस लौटी, इसके विपरीत, बसपा को जब मुस्लिम समाज का सीमित समर्थन मिला था, तब भी 2007 में हम बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रहे, सपा और कांग्रेस दोनों ऐतिहासिक रूप से ‘दलित-विरोधी, पिछड़ा-विरोधी और मुस्लिम-विरोधी’ राजनीति की हैं, इन पार्टियों की ग़लत नीतियों और अवसरवादी राजनीति ने ही बीजेपी को उत्तर प्रदेश में मज़बूत किया, सपा और कांग्रेस ने हमेशा बसपा को कमज़ोर करने के लिए हर मुमकिन हथकंडा अपनाया, लेकिन बीजेपी को रोकने के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाया।"
बसपा ने की मुस्लिम समाज की मदद - मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि बसपा सरकार ने मुसलमानों को सुरक्षा, इज़्ज़त और हिस्सेदारी देने का काम किया दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मुस्लिम समाज के जीवन, संपत्ति और आस्था की रक्षा की, हमने दंगों और सांप्रदायिकता पर नकेल कसी और उत्तर प्रदेश को डर और अराजकता से आज़ादी दिलाई, बसपा का मिशन महज़ सत्ता हांसिल करना नहीं, बल्कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुसलमानों और अन्य वंचित वर्गों को राजनीतिक सशक्तिकरण के ज़रिए से सम्मानजनक जीवन दिलाना है।
मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन में बसपा, कार्यकर्ताओं, समर्थकों और पदाधिकारियों को संबोधित करत हुए मायावती ने बूथ स्तर पर मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर नेताओं को निर्देश दिए और कहा कि कोई भी पात्र वोटर लिस्ट से बाहर न रहे।
कुल-मिलाकर ये तो समय ही बताएगा कि बहुजन समाज पार्टी पर फ़िर से मुस्लिम समाज भरोसा जता पाएगा या नहीं, क्योंकि मुस्लिम समाज एक अरसे से बीएसपी से छिटका हुआ है, जिसको साधने में कहीं ना कहीं मायावती से कोई ना कोई चूक तो हुई है।
 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			