Friday, 31st of October 2025

वंदे भारत से जुड़ेंगे वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या और मथुरा

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  October 24th 2025 03:13 PM  |  Updated: October 24th 2025 03:13 PM
वंदे भारत से जुड़ेंगे वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या और मथुरा

वंदे भारत से जुड़ेंगे वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या और मथुरा

लखनऊ: श्रद्धालुओं और धार्मिक यात्राएं करने वालों के लिए ख़ुशख़बरी है। दरअसल धार्मिक शिव नगरी वाराणसी, विंध्याचल, संगम नगरी प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो को वंदे भारत से जोड़ने की तैयारी अंतिम चरण में है।

एक सूत्र में बंधेंगे धार्मिक केंद्र

वाराणसी से खजुराहो तक की दूरी अब सिर्फ पांच घंटे में तय होगी, क्योंकि रेल मंत्रालय ने इन दोनों ऐतिहासिक शहरों के बीच पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दे दी है। यह ट्रेन प्रयागराज को ख़ासतौर पर फायदा पहुंचाएगी, जहां छिवकी स्टेशन पर दोनों दिशाओं में ठहराव होगा। इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि चार प्रमुख धार्मिक केंद्रों–वाराणसी, विंध्याचल, प्रयागराज और चित्रकूट को एक सूत्र में बांधा जा सकेगा।

रेल मंत्री का क्या कहना है?

इस बाबत रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने खजुराहो के सांसद विष्णुदत्त शर्मा को पत्र लिखकर इसकी औपचारिक मंज़ूरी की जानकारी दी। ट्रेन की संभावित समय-सारिणी भी जारी हो चुकी है। सुबह वाराणसी से 5:25 बजे रवाना होकर यह विंध्याचल (6:55-6:57), प्रयागराज छिवकी (8:00-8:05), चित्रकूट धाम (10:05-10:07), बांदा (11:08-11:10) और महोबा (12:08-12:10) होते हुए दोपहर 1:10 बजे खजुराहो पहुंचेगी। वापसी में खजुराहो से दोपहर 3:20 बजे चलकर महोबा (4:18-4:20), बांदा (5:13-5:15), चित्रकूट (6:13-6:15), प्रयागराज छिवकी (8:20-8:25), विंध्याचल (9:10-9:12) से गुजरते हुए रात 11 बजे वाराणसी लौटेगी।

पर्यटन की नई राहें खुलेंगी 

आपको बता दें कि यह ट्रेन टूरिज़्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण क़िरदार निभाएगी। राहत देने वाली ख़बर ये है कि खजुराहो के यूनेस्को विश्व धरोहर मंदिर, वाराणसी की गंगा घाटें, प्रयागराज का संगम, श्रृंगवेरपुर धाम और चित्रकूट की रामायण से जुड़ी पवित्र जगहें अब एक ही यात्रा में सुलभ हो सकेंगी। इस घोषणा के बाद स्थानीय व्यापारी और होटल व्यवसायी ख़ासे उत्साहित हैं, क्योंकि इससे पर्यटकों की संख्या में इज़ाफ़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

गौरतलब है कि प्रयागराज जैसे शहर, जो पहले ट्रेनों की कमी से पिछड़ रहे थे, अब बेहतर कनेक्टिविटी से आर्थिक लाभ उठाते हुए देखे जा सकेंगे। वंदे भारत की यह सेवा आधुनिक सहूलियतों से लैस होगी। रेलवे का यह क़दम उत्तर प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नई गति देगा, जहां श्रद्धा और इतिहास का संगम अब तेज़ रफ़्तार ट्रेन से जुड़ रहा है। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि इस ट्रेन के लिए अच्छी-ख़ासी तैयारी चल रही है।

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