Monday, 17th of November 2025

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 में 'बनारसी सिल्क' ने बिखेरा अपना जलवा

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  November 17th 2025 12:52 PM  |  Updated: November 17th 2025 12:52 PM
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 में 'बनारसी सिल्क' ने बिखेरा अपना जलवा

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 में 'बनारसी सिल्क' ने बिखेरा अपना जलवा

वाराणसी/दिल्ली:  'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की थीम पर इस साल भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन 14 से 27 नवंबर 2025 तक प्रगति मैदान (भारत मंडपम्) में किया जा रहा है। गौरतलब है कि इस बार उत्तर प्रदेश को पार्टनर स्टेट का दर्जा मिला है, जिसके तहत योगी सरकार हस्तशिल्पियों और निर्यातकों को अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का बेहतरीन मौक़ा मुहैया करा रही है। इस भव्य मेले में काशी से कुल-मिलाकर 29 हस्तशिल्पियों ने अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले जाने के लिए  पंजीकृत कराया है, जिसमें से 17 हस्तशिल्पी नेशनल अवॉर्डी हैं। 

बनारसी साड़ी का जलवा है बरक़रार!

काशी की शान और परंपरा की पहचान बन चुकी बनारसी साड़ी अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपने रंग बिखेर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डबल इंजन सरकार की नीतियां न केवल पारंपरिक कलाओं को वैश्विक मंच प्रदान करने का काम कर रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों व हस्तशिल्पियों की आय को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना के तहत बनारसी सिल्क की साड़ियां और बाक़ी परिधानों के रूप में काशी का यह पारंपरिक उत्पाद अब 'भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025' में अपनी 'स्टैंडर्ड क़्वॉलिटी' बुनकारी की झलक दुनिया को दिखाएगा।

ODOP से मिल रही है दौलत भी, शोहरत भी

ज़िला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के उपायुक्त मोहन कुमार शर्मा के बक़ौल, "योगी सरकार द्वारा बनारसी साड़ी को ओडीओपी उत्पाद के रूप में शामिल करने तथा जीआई टैग प्रोडक्ट के तौर पर मान्यता दिलाने के बाद काशी के बुनकरों और शिल्पकारों की नए बाज़ारों तक पहुंच सुनिश्चित हुई है, सरकार की यह पहल कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय कला को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाने का माध्यम बन रही है।" 

भारतीय संस्कृति की पहचान है 'बनारसी साड़ी'

यक़ीनन बनारसी साड़ी केवल परिधान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और शिल्प कौशल का प्रतीक बन चुकी है। सेलिब्रिटीज़ और पर्सनैलिटीज़ से लेकर, देश-दुनिया के औद्योगिक घरानों तक, हर कोई बनारसी साड़ी की शान और शिल्प का मुरीद है। ऐसे में, डबल इंजन सरकार का साझा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पाद न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भी अपनी पहचान बनाएं। यही वजह है कि इस दिशा में भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2025 काशी के बुनकरों और कलाकारों के लिए मील का पत्थर साबित होने का माध्यम बन रहा है, क्योंकि अब हस्तशिल्प कलाकारों को दौलत, शोहरत और इज़्ज़त एक साथ मिल रही है।