Friday, 31st of October 2025

पुलिस स्मृति दिवस: सीएम योगी ने शहीद पुलिसकर्मियों को अर्पित की श्रद्धांजलि

Reported by: GTC News Desk  |  Edited by: Mohd Juber Khan  |  October 21st 2025 02:11 PM  |  Updated: October 21st 2025 02:11 PM
पुलिस स्मृति दिवस: सीएम योगी ने शहीद पुलिसकर्मियों को अर्पित की श्रद्धांजलि

पुलिस स्मृति दिवस: सीएम योगी ने शहीद पुलिसकर्मियों को अर्पित की श्रद्धांजलि

लखनऊ : प्रदेशवासियों को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल देने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार अपराध और अपराधियों के ख़िलाफ़ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इस दौरान अदम्य साहस और कर्तव्यों का पालन करते हुए कई यूपी पुलिसकर्मी भी शहीद हो गये। पिछले आठ साल में अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि 1 सितंबर 24 से 31अगस्त 25 के बीच तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'पुलिस स्मृति दिवस' पर शहीद पुलिसकर्मियों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित भी किया। 

उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन वीर सपूतों निरीक्षक/दलनायक सुनील कुमार (एसटीएफ), मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जनपद जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर) ने कर्तव्य पालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देकर यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस का हर जवान देश और समाज की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने से पीछे कभी नहीं हटता। उनके साहस, समर्पण और वीरता ने पूरे पुलिस बल को गौरवान्वित किया है। इन वीर सपूतों से कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। 

बदमाशों से लोहा लेते हुए शहीद हुए यूपी पुलिस के जांबाज़ सुनील कुमार

20 जनवरी 2025 की रात निरीक्षक/दलनायक सुनील कुमार एसटीएफ उत्तर प्रदेश की टीम के साथ एक लाख के इनामी अपराधी अरशद की तलाश में निकले थे। टीम में उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, मुख्य आरक्षी प्रीतम सिंह, मुख्य आरक्षी चालक जयवर्धन, उप निरीक्षक जयबीर सिंह, मुख्य आरक्षी रोमिश तोमर, मुख्य आरक्षी आकाश दीप, मुख्य आरक्षी अंकित श्योरान और आरक्षी चालक प्रदीप धनकड़ शामिल थे। मुख़बिर से सूचना मिली कि अरशद और उसके साथी सफेद ब्रेज़ा गाड़ी में किसी बड़े अपराध की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर निरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने रात 11 बजे बिडौली चैसाना चौराहा, जनपद शामली पर घेराबंदी की। गिरफ़्तारी के प्रयास में बदमाशों ने उदयपुर भट्ठे के पास पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार के बीच निरीक्षक सुनील कुमार को कई गोलियां लगीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नेतृत्व जारी रखा। उनकी टीम ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चार बदमाश घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल निरीक्षक सुनील कुमार को अमृतधारा अस्पताल करनाल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें मेदांता गुरुग्राम रेफर किया गया। उपचार के दौरान 22 जनवरी 2025 की दोपहर 2:30 बजे उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनका यह बलिदान उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गया।

दुर्गेश कुमार सिंह का बलिदान बन गया प्रदेश के लिए प्रेरणास्त्रोत

मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह की ड्यूटी 12 मई 2025 को प्रभारी निरीक्षक चन्दवक, जौनपुर के हमराह के रूप में लगाई गई थी। 17 मई को वे तहसील दिवस के बाद थाना जलालपुर जौनपुर क्षेत्र में गो-तस्करों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में शामिल थे। प्रभारी निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह के साथ वे खुज्झी मोड़ पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। रात लगभग 11:50 बजे पिकअप वाहन (संख्या यूपी 65 पीटी 9227) के चालक और सवार अभियुक्तों को रोकने के लिए इशारा किया गया। तभी चालक ने जान से मारने की नियत से वाहन मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह के ऊपर चढ़ा दिया। वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल बीएचयू वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर अभियुक्तों का पीछा किया। अभियुक्तों ने ग्राम सतमेसरा के बगीचे में छिपकर पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें जवाबी कार्रवाई में तीनों अभियुक्त घायल हुए और एक अभियुक्त सलमान की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह का यह बलिदान न केवल जौनपुर पुलिस बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत बन गया।

बहादुरी दिखाते हुए शहीद हो गए सौरभ कुमार

25 मई 2025 को उप निरीक्षक सचिन राठी के नेतृत्व में पुलिस टीम थाना फेस-3, गौतमबुद्धनगर क्षेत्र में पंजीकृत एक मामले के वांछित अभियुक्त कादिर की तलाश में गई। टीम में उप निरीक्षक उदित सिंह, उप निरीक्षक निखिल, कांस्टेबल सचिन, कांस्टेबल सौरभ, कांस्टेबल सन्दीप कुमार और कांस्टेबल सोनित शामिल थे। मुखबिर की सूचना पर टीम ग्राम नहाल, थाना मसूरी, जनपद गाजियाबाद पहुँची। मुखबिर ने बीच में बैठे व्यक्ति की पहचान कादिर के रूप में कराई। पुलिस ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया, लेकिन कादिर ने शोर मचाना शुरू कर दिया। उसकी आवाज सुनते ही भीड़ एकत्र हो गई और पुलिस टीम पर हमला कर दिया। कादिर को गाड़ी में बैठाने के दौरान उसके भाई और अन्य लोगों ने पुलिस  पर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान कांस्टेबल सौरभ कुमार के सिर में गोली लगी और कांस्टेबल सोनित भी घायल हो गए। जब पुलिस घायल जवानों को गाड़ी में बैठाने लगी, तब भीड़ ने फिर से पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। टीम के कुछ सदस्य घायल सौरभ कुमार को लेकर तत्काल यशोदा अस्पताल, नेहरू नगर, गाजियाबाद पहुँचा, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आरक्षी सौरभ कुमार ने विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी दिखाते हुए साथियों के साथ कर्तव्य निभाया और अपने प्राणों की आहुति दी।